प्यार भरी कविता |
प्यार भरी कविता – मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
मानो लाखो बुराइयाँ करनी हो मेरी अगर
धीरे से दातों में दबाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
लेकिन मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
गुस्सा हो निकालना मुझ पर तुम्हे
इस कदर बरतने बजाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
यूँ तो ख्वाहिशो के पिटारे खोल देती हो मुझ पर
पूरा ना कर सकूँ तो यूँ मुँह फुलाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
दुनिया के भीड़ में अक्सर तुम्हारी बताई सामग्री लाना भूल जाता हूँ मै
भूल जाने पर तानो के बाण चलाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
नयी साड़ी लाया था जो मै कलर पसंद ना आया तुम्हे
झूठी हंसी देकर पसंद छुपाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
नोक झोक मीठी लगे तुम्हारी मुझे
सच में कभी चिल्लाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
कुछ कहना हो तो पास आकर कहो
मुँह में ऐसे बुदबुदाया ना करो
कवयित्री द्वारा लिखी कुछ अन्य कवितायेँ –
कवियत्री द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवियत्री ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
कवियत्री: Saroj Bala Singh
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Really heart touching poem 😀
bahut hi pyari kavita
👏👌🏻👌🏻
👏🏻
Bahot hi pyaari kavita
Good
bahot sundar aur pyari