मेरे लिखने की वजह तो बनो कविता | Mere likhne ki vajah to bano…


मेरे लिखने की वजह तो बनो …

आशिक वाले बात करें है,
चाँद और तारे तोड़ लाने का,
हम तो करें एक वादा तुमसे,
जन्नत बना दें तुम्हारे वादों का ।

मेरे लिखने की वजह तुम्हीं बनी हो,
एक बार तो मुझसे मिल जाओ ना,
प्यारी भरी हम शायरियां लिख दे,
मेरे लिखने की वजह तो एक बार बनो ना।
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कवयित्री द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवयित्री ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।

कवयित्री: सृष्टि मौर्य, फरीदाबाद, हरियाणा

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