Poem on Pongal in Hindi। पोंगल पर कविता
पोंगल का त्योहार आया
सबके मन में खुशियां लाया
तमिलनाडू का त्यौहार है पोंगल
बैल की दौड़ और नाव की दौड़
आगे बढ़ने मैं रहती सदा हौड़
फसल कटाई के उपलक्ष में मनाया जाता।
तमिलनाडु से शुरू होकर
उत्तर क्षेत्र की तरफ
त्यौहार बढ़ता जाता।।
पोंगल अर्थ होता है उफान पर
साल का पहला त्यौहार।
घर घर खुशियां मिलती अपार।।
सभी मिलजुल कर हिस्सा लेते
बैल दौड़ और नाव दौड़ में
पोंगल हमें भाईचारे का पाठ पढ़ाता।
और एक दूसरे के अंदर प्यार खूब बरसाता।।
ऐसा त्योहार दक्षिण भारत का
उमंग और चाव से
मनाया जाता।।
इस दिन सब लोग
नमकीन तीखा खाना खाते हैं
यह भारत में रस बस गया
ऐसा त्यौहार है
हम सब ने भी इसको अपने क्षेत्र में
बनाना चाहिए
जोश और खरोश के साथ
अपने क्षेत्र में भी दौड़ होनी चाहिए
शिक्षा में आगे बढ़ने की
मैं आगे बढ़ने की
समाज में कुछ करने की
और प्यार बरसाने की
यह त्यौहार भी उमंग
जोश और खरोश भरा हुआ है
त्योहार सबको मिलाता है
यही त्यौहार से हमारा सब का नाता है
खान मनजीत भी है इस उलझन में
दुनिया के दुख दूर हैं और रहे एक छत में।।
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार - खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
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