एक बार फिर आपका इस ब्लॉग में स्वागत है आज हम आपके लिए लेकर आए है जीवन का लक्ष्य पर कविता। जिसमे की कवि खुद कि लक्ष्य कि बात करता है ओर अंत मै दूसरो को भी सलाह देता है कि आखिर हर किसी के जीवन में तो एक लक्ष्य होना ही चाहिए
ओर फिर उसे पाने के लिए जी तोड़ मेहनत भी करनी चाहिए चाहे कितनी ही परेशानियों का समना क्यो न करना पढ़े।
जीवन का लक्ष्य पर कविता
हर किसी के जीवन में,
होता है अपना लक्ष्य।
कोई पा लेता है मेहनत करके
तो कोई खो जाता है इस भीड़ में।।
हा छोटा हूं मैं अभी,
एक दिन बड़ा जरूर होऊंगा।
ठाना है अभी मैने मंजिल तक पहुंचना,
एक दिन इसे पाकर ही दम लूंगा।।
हंसने वाले भी बहुत मिले,
टांगे भी खिचने की कोशिश कि है लोगो ने।
कदम अभी न पीछे हठे हैं,
न कभी ये पीछे हटने वाले है।।
चाहे साथ मिले या न मिले मुझको,
या फिर मुश्किलें आए हजारों।
कोशिशें कभी न कम होगी,
चाहे प्रयास क्यों न करना पड़े लाखों।।
दिन रात एक कर रहा हूं,
रात भर किताबो मै पढ़ा हूं।
मजाक थोड़े ही करना है।
आखिर हासिल जो करना है लक्ष्य।।
लंबे है अभी भी रास्ते,
मंजिल अभी दूर है।
मेहनत बस करते जा रहा हूं,
लक्ष्य को पाने का पूरा जो है जुनून।।
ठाना हैं मैने अभी ,
एक दिन पूरा करके दिखलाऊंगा।
किस्मत में हो या न हो मेरे,
एक दिन किस्मत मै लाकर बताऊंगा।।
देश के लिए कुछ करना है,
यहीं है मेरे जीवन का लक्ष्य।
फिर चाहे मुझे क्यों न,
अपनी जान करनी पढ़े बक्ष।।
लोगो कि सेवा करना,
फिर एक अच्छा नाम कमाना।
अंधविश्वास से दूर हटकर,
कुछ अलग करना ही मेरे जीवन का है लक्ष्य।।
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पढ़ लिखकर कुछ नया सीखना है,
दूसरो से हटकर कुछ नया बनना हैं।
कहते तो बहुत है लेकिन,
लक्ष्य ही मेरा देश कि सेवा करना है।।
यू ही नहीं हासिल होता है लक्ष्य,
मेहनत करनी पड़ती है।
किस्मत बदलने के लिए,
मेहनत का लेना पड़ता है पक्ष।।
जीवन में तुम बनाओ लक्ष्य,
कभी न करना इसका बक्ष।
मेहनत बस करते जाना।
इसे पाने से पहले,
कदम न कभी पीछे हटाना।।
जीवन में अपने हमेशा,
एक लक्ष्य तुम भी बनाना।
फिर मेहनत क्यों न कितनी करनी पड़े,
इसे पाकर ही दम लेना।।
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