लॉकडाउन से लाभ या हानि

लॉकडाउन से लाभ या हानि पर निबंध 

बहुत सारे व्यक्तियों ने तो कोरोनावायरस के आने से पहले लॉकडाउन नाम सुना ही नहीं होगा कि यह क्या होता है  और इसका कब इस्तेमाल किया जाता है या इसे कब लगाया जाता है। परंतु वर्तमान में अगर पूछा जाए तो हर कोई लॉकडाउन के बारे में अच्छी तरह से बता सकता है।

आज हम बात करेंगे कोरोना वायरस के कारण लगे इस लोक डाउन से हमें हानि हुई है या लाभ।                                   

देखा जाए तो लोगों के अपने-अपने अलग-अलग विचार होंगे कि इससे किसे फायदा हुआ है। और किसे नुकसान, क्योंकि    जिन लोगों को लॉकडाउन के कारण फायदा हुआ है। वे इसके फायदे बताएंगे और जिन्हें  नुकसान हुआ है वे इसके नुक़सन बताऐगे।

लॉकडाउन के हानि (नुकसान). Loss of lockdown

वर्तमान की भागमभाग इस दुनिया से देखा जाए तो हमें लॉक डाउन के कारण काफी नुकसान झेलना पड़ा है।                  
देश के पूरी तरह लॉक होने के कारण अर्थव्यवस्था को भारी   नुकसान पहुंचा है। और आने वाले समय में भी अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट देखी जाएगी।                                              
जहां ऐतिहासिक स्थल पर प्रतिदिन लाखों लोग घूमने आया करते थे। वे अब बंद थे। जो व्यक्ति जहां था। उसे अब जब तक वही रहना था तब तक इस स्थिति से निपटा ना जा सके।        
विश्व स्तर पर आयोजित किए जाने वाले सारे कार्यक्रम रद्द करने पड़े। इनके अलावा शादी समारोह और छोटे- मोटे कई सारे        आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम को बंद कर दिया गया।      
तेजी से आगे बढ़ने वाली इस दुनिया में उद्योगपतियों को भारी  मात्रा में नुकसान झेलने को मिला है। बड़े-बड़े उद्योगपति, उद्योग ठप्प पड़े होने के कारण लगातार नुकसान का सामना करते जा   रहे थे। जब दुनिया वापस अपनी पटरी पर लौटेगी। तब कई      उद्योगपतियों को तो भारी कठिनाइयों का सामना करना            पड़ेगा। क्योंकि वापस पहले जैसी स्थिति में लौटना आसान नहीं है।                                                                                  

                            बंद पड़ा एक उद्योग       

जो मजदूर बाहर काम कर रहे थे। या उनकी आजीविका पूरी तरह मजदूरी के ऊपर ही निर्भर थी। उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जब सारे उद्योग, कामकाज बंद कर दिए गए। तब इन गरीब मजदूरों को अपना पेट भरने के लिए भी पूरी तरह सरकार के ऊपर निर्भर होना पड़ा। सरकार के द्वारा कई प्रकार की खाने पीने की चीजें लोगों तक पहुंचाई गई, परंतु बहुत सारे व्यक्ति इससे वंचित रहे। और इन्हें काफी समस्याएं झेलनी पड़ी।
जो कंपनियां पुरी तरह ट्रेवल के ऊपर निर्भर थी। वह पूरी तरह बंद हो चुकी थी।क्योंकि जब लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना जाना ही बंद कर दिया गया तो इन्हे अपने आप बंद होना ही था। इन कंपनियों में काम करने वाले लोग पूरी तरह बेरोजगार हो चुके थे। और उन्हें अब उनका रोजगार कब मिलेगा कोई कह नहीं सकता था।
देश की भविष्य की नीव कहे जाने वाले छात्रों को लॉकडाउन से जितना नुकसान पहुंचा है। उतना किसी को नहीं, क्योंकि स्कूल कॉलेज लॉकडाउन के कारण पिछले 4 महीनों से पूरी तरह बंद थे। और आगे भी यह कब खुलेंगे या कब तक बंद रहेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता था।
 
जैसा कि हमें पता है आधी से ज्यादा जनसंख्या या कहे तो देश के 70% से ज्यादा लोग जो कि किसान है और खेती करके ही अपना गुजारा करते हैं। उनके सामने भी अपनी फसल को बेचने की गंभीर समस्या तैयार हो गई बड़ी बड़ी मंडीया बंद कर दी गई और जो व्यापारी इनसे फसल ले रहे थे। वे काफी सस्ते दाम किसानों को दे रहे थे।
हालांकि इस लोक डाउन मैं देश के किसान का बड़ा योगदान रहा है, कि लोगों को खाने पीने की तंगी नहीं पड़ी क्योंकि ऐसे समय में कोई खाने पीने की कंपनी या टेक्नोलॉजी काम नहीं आई।
कोरोनावायरस के कारण कई मरीज तो अस्पताल तक न पहुंच पाने के कारण या उन्हें उचित इलाज ना मिलने के कारण ही मारे गए। क्योंकि यातायात के सारे साधन बंद थे और कुछ व्यक्ति तो कोरोना के डर के कारण भी अस्पताल तक नहीं पहुंचे कि वहां तो और उनका कोरोना से मरना तय हैं।

लोकडाउन से लाभ (benifit of lockdown)

अगर बात की जाए कि हमें लॉक डाउन से क्या क्या फायदे हुए है, तो जिन लोगो को अपनो से मिलने तक का समय नहीं मिल पा रहा था। वे अब अपने परिवार के साथ थे। जो व्यक्ति अपने काम से तंग आ चुके थे। वे अब फिर से आराम कर करके तंग आने लगे हैं।😀😀
स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण विद्यालय द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं आरंभ की गई। इस कारण प्रत्येक विद्यार्थी को अब मोबाइल की जरूरत पड़ी। और इसका फायदा मोबाइल कंपनियों द्वारा उठाया गया। प्रत्येक मोबाइल की कीमतों में इजाफा हुआ और मोबाइल कंपनियों ने जितने चाहे उतने लोगों से वसूले।
लॉकडाउन के कारण प्रकृति में बदलाव तो इस प्रकार आया कि किसी और तरीके से नहीं आया होगा। अब धीरे-धीरे पर्यावरण स्वच्छ होने लगा था। जहां सरकार द्वारा हवा को सुरक्षित किए जाने के लिए, बड़ी-बड़ी नदियों को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे थे। वे अब धीरे-धीरे स्वच्छ होने लगी थी।
इस तरह हमें कोरोनावायरस के कारण लगे लॉक डाउन से काफी कुछ नुकसान तो हुआ ही है परंतु फायदा भी हुआ है।
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